मूर्ख मित्र-पंचतंत्र
किसी राजा के राजमहल में एक बन्दर सेवक के रुप में रहता था । वह राजा का बहुत विश्वास-पात्र और भक्त था । अन्तःपुर में भी वह बेरोक-टोक जा सकता था ।
एक दिन जब राजा सो रहा था और बन्दर पङखा झल रहा था तो बन्दर ने देखा, एक मक्खी बार-बार राजा की छाती पर बैठ जाती थी । पंखे से बार-बार हटाने पर भी वह मानती नहीं थी, उड़कर फिर वहीं बैठी जाती थी ।
Download बन्दर को क्रोध आ गया । उसने पंखा छोड़ कर हाथ में तलवार ले ली; और इस बार जब मक्खी राजा की छाती पर बैठी तो उसने पूरे बल से मक्खी पर तलवार का हाथ छोड़ दिया । मक्खी तो उड़ गई, किन्तु राजा की छाती तलवार की चोट से दो टुकडे़ हो गई । राजा मर गया ।
"मूर्ख मित्र की अपेक्षा विद्वान् शत्रु ज्यादा अच्छा होता है।"
एक दिन जब राजा सो रहा था और बन्दर पङखा झल रहा था तो बन्दर ने देखा, एक मक्खी बार-बार राजा की छाती पर बैठ जाती थी । पंखे से बार-बार हटाने पर भी वह मानती नहीं थी, उड़कर फिर वहीं बैठी जाती थी ।
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"मूर्ख मित्र की अपेक्षा विद्वान् शत्रु ज्यादा अच्छा होता है।"
मूर्ख वयक्ति की औरत
ठरएक गांव में एक आदमी रहता था जिसकी औरत काफी चालाक और चतुर्थी वह व्यक्ति दिन रात मेहनत करता और जो कुछ बचता वही खा लेता उसकी औरत इतनी मादरचोद थी कि वह अपने पति को पानी तक नहीं देती थी तो 1 दिन राजा आजा राजा क्या फैसला हुआ तो क्या हुआ फैसला हुआ औरत पहुंच जाती है तो फिर गोला गोकरननाथ गया वहां से जुदा था यार फुलझड़ी देविका इस बार हो गई है
खरगोस की कहानी
₹1 खरगोश जंगल में रहता था उसका नाम राजा था वह हरी हरी घास और गाजर खाता था और उसके कई सारे मित्र थे जैसे हाथी भालू बंदर बंदर पहुंच अलांग थे उससे वह गाजर खा सकते हो उसको जामुन भी नहीं खिलाते हैं।
प्यासी औरत की बुझाई प्यास
एक औरत बहुत प्यासी थी घड़े में पानी कम था उसने को हुए की तरह उपाय सोचा और कांटे में कंकड़ डालने लगी पानी ऊपर आ गया उसने पी लिया तो चली गई धन्यवाद धन्यवाद
